भारत का वो हमला जो दुनिया की सबसे बड़ी स्ट्राइक में शामिल हो गया*
नई दिल्ली- पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना सेना ने सीमा पर छुपे बैठे जैश ए मोहम्मद के आतंकियों के खिलाफ बीती रात बड़ी कार्रवाई की है.
पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना सेना ने सीमा पर छुपे बैठे जैश ए मोहम्मद के आतंकियों के खिलाफ बीती रात बड़ी कार्रवाई की है. भारतीय वायुसेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वायुसेना के विमानों ने बीती रात नियंत्रण रेखा के पार आतंकी कैंप्स पर करीब 1000 किलोग्राम के बम बरसाए.
सर्जिकल स्ट्राइक यानी दुश्मन को उसी के घर में घुसकर मार गिराना. एक तय वक्त. हमला करने का सीमित दायरा. कमांडो की एक छोटी टुकड़ी. बड़े हथियारों के बजाए छोटे-छोटे हथियारों का इस्तेमाल. और सबसे अहम ये कि छोटे हमले में दुश्मन को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना. आइए जानते हैं दुनिया की पांच सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक्स के बारे में.
भारतीय सेना का म्यांमार में ऑप्रेशन- NSCN के उग्रवादियों ने 4 जून 2015 को मणिपुर के चंदेल में फौज की टुकड़ी पर हमला किया था. इस आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हुए थे.10 जून 2015 को इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय जवानों ने म्यांमार की सीमा में घुसकर 40 मिनट के ऑपरेशन में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. तब फौज ने म्यांमार में दाखिल होकर आतंकी संगठन NSCN के टेरर कैंप को तबाह किया था.
पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन की हत्या- 11 सितंबर 2001 को लादेन के आतंकी संगठन अल क़ायदा ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतों को अगवा किए गए विमान से उड़ा दिया. 9/11 के इस हमले के बाद से अमेरिकी खुफिया एजेंसियां पागलों की तरह ओसामा बिन लादेन की तलाश में जुट गईं.
लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपा बैठा था. अमेरिका ने उसे खत्म करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की खुफिया रणनीति बनाई. मई 2011 में अमेरिका के सबसे खतरनाक कमांडो कहे जाने वाले सील की टुकड़ी दो हेलीकॉप्टर में सवार होकर रात के अंधेरे में एबटाबाद पहुंची. इसके बाद थोड़ी देर तक लादेन का मकान गोलियों और बमों की तड़तड़ाहट से थर्राता रहा. गोलियों की आवाज़ तभी थमी जब अमेरिकी फौज ने लादेन को मार गिराया. इसके बाद अमेरिकी कमांडो जैसे आए थे, वैसे ही लौट गए.
UGANDA में हुआ ऑपरेशन एंतेब्बे- जून 1976 में इजरायल ने युगांडा के एंतेब्बे एयरपोर्ट पहुंचकर अपने बंधक नागरिकों को छुड़ाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इजराइली सैनिक ऑपरेशन शुरू होने के 20 मिनट बाद ही अपहरणकर्ताओं का खात्मा कर, अपने नागरिकों को लेकर लौट गए थे. इस ऑप्रेशन में सात अपहरणकर्ता, 20 युगांडाई सैनिक और सिर्फ एक इजरायल का सैनिक मारा गया था.
Bay of Pigs Invasion- 1961 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने सीआईए-एलईडी को क्यूबा पर आक्रमण का आदेश दिया. जो सीआईए-एलईडी के नेतृत्व में Bay of Pigs से 1,400 क्यूबा निर्वासितों (देश से निकालना) द्वारा किया जाता था. फिदेल कास्त्रो सरकार को उखाड़ फेंकने के सैन्य मिशन का विनाशकारी अंत हुआ था. इस अभियान में 100 से अधिक सैनिक मारे गए थे, जो 1200 क्यूबा निर्वासितों को पकड़ने के लिए लीड कर रहे थे.
ऑपरेशन ईगल क्लॉ, ईरान- अमेरिका ने यह ऑप्रेशन 'अमेरिकी दूतावास पर कब्जा कर बंधक बनाए गए' अपने नागरिकों को छुड़ाने के लिए चलाया था. दरअसल ईरान ने अमेरिका पर उसके घरेलू मामलों में दखल देने का आरोप लगाते हुए उसके दूतावास को बंद कर दिया था. फिर अमेरिका ने रेस्क्यू ऑपरेशन पर बंधक बनाए नागरिकों को छुड़ाने का प्लान बनाया.
इस मिशन के तहत अमेरिकी सैनिक 24 अप्रैल 1980 की रात अपने टारगेट की तरफ निकले. अचानक आए रेत के तूफ़ान ने उन्हें कमजोर कर दिया. उन्हें लौटना पड़ा. इस हादसे में करीब आठ अमेरिकी सैनिक मारे गए. फिर वह मिशन कैंसिल कर दिया गया. सभी सैनिक वापस बुला लिए गए.