घाटी में आतंकियों को फंड मुहैया कराने वाले फायनेंसरों पर एनआईए ने फंदा कसना शुरू कर दिया है। 2017 के टेरर फंडिंग केस में अपनी जांच में अब तक एनआईए ने 13 अलगावादियों और आतंकियों की पहचान की है। ये एक चेन है। जोकि घाटी में हिज्बुल मुजाहीदीन और जैश-ए-मोहम्मद समेत तमाम आतंकियों संगठनों को फंड मुहैया कराते हैं। यहीं वो लोग हैं जोकि आईएसआई की शह पर पत्थरबाज़ों को भी पथराव करने के लिए पैसा मुहैया करा रहे थे।
एनआईए की कार्रवाई के बाद सरकारी एजेंसिय़ों ने इन फायनेंसर्स की प्रॉपर्टी सीज़ करना शुरू कर दिया है। इन 13 नामों में सैयद सलाहुदीन, हाफिज सईद, सईद अली शाह गिलानी के दामाद और तहरीके-हुर्रियत का फाउंडर मेंबर आफताब अहमद शाह का नाम भी शामिल है। शाह मीरवाइज़ उमर फारूख का लीगल एडवाइज़र भी है। जांच के दौरान शाह के घर से एनआईए को काफी अहम दस्तावेज़ मिल चुके हैं। इसके बाद शाह ने एनआईए के सामने माना है कि घाटी की उसका काम तमाम घटनाओं को मॉनिटर कर उस पर स्टेटमेंट तैयार करना, मीटिंग करना और कांफ्रेंस कर माहौल बनाना था।