पर्यावरण संरक्षण के खास मिशन के बीच मान महल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

 


*पर्यावरण संरक्षण के खास मिशन पर अपने संसदीय क्षेत्र आये पीएम मोदी गंगा किनारे मान महल में संपूर्ण बनारस को देखने व महसूसने पहुचे*


*आभासी संग्रहालय में सबकुछ आभासी*



पर्यावरण संरक्षण के खास मिशन पर अपने संसदीय क्षेत्र शनिवार को पहुँचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गंगा किनारे मान महल में संपूर्ण बनारस को महसूसने पहुंचे। वे पर्यावरण दिवस के दूसरे दिन छह जुलाई को इस शहर में एक बार फिर आनंद कानन स्वरूप को साकार करने के उद्देश्य से आये। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ज्ञान-विज्ञान के समावेश से बने देश के अनूठे आभासी संग्रहालय का अवलोकन भी किया।
कण-कण में मूर्त और अमूर्त धरोहरों को बसाए शहर बनारस को एक छत के नीचे देखने-समझने व पूरे अंदाज में महसूसने के लिहाज से प्रधानमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद नई दिल्ली ने इसी साल आकार दिया। ग्यारह करोड़ रुपये की लागत से दुनिया के प्राचीन शहर के मन मिजाज, खानपान, धार्मिकता और रईसी शान को डिजिटली उतार दिया हैं। इसमें गंगा की मौज, कला- संस्कृति, धार्मिक विधान, पूजन- अनुष्ठान, पर्व-उत्सव, तीज-त्योहार, साहित्यसेवी- कलाकार, रहन-सहन, खानपान, अंदाज -मिजाज या यह भी कह सकते हैं समूचे बनारस को एक छत के नीचे एकाकार किया।
इसमें वर्चुअल रियल्टी टेक्नोलॉजी के उपयोग से प्रोजेक्टर, एलईडी, वीडियो क्लिप समेत श्रव्य दृश्य माध्यमों के जरिए काशी के पवित्र घाट, शास्त्रीय संगीत, साड़ी बुनाई, रामलीला, स्मारक, पान की दुकान आदि का भी रोचक अंदाज में थ्रीडी प्रदर्शन किया गया है। इसका उद्घाटन पीएम ने फरवरी में जरूर कर दिया था। लेकिन उनका प्रथम आगमन आज हुआ। खास यह भी कि आभासी संग्रहालय पहले नई दिल्ली में बनाया जाना था लेकिन इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पीएम के संसदीय क्षेत्र में लांच किया गया। योजना के तहत इसकी सफलता के बाद पर्यटकों की आवक वाले दूसरे शहरों में इसे बनाया जाना है। सांस्कृतिक रंगो से सराबोर यह ऐसा संग्रहालय है जहां वास्तविक कुछ भी नही है, सब कुछ आभासी है। आप उसे छू नही सकते लेकिन महसूस कर सकते है। यह संग्रहालय काशी की धर्म, कला और संस्कृति का बेहतरीन अभास कराता है। यहां प्रवेश करते ही एक नजर मे पूरी काशी का संक्षिप्त परिचय होता है। यहां आप तेजी से बदलती काशी को बगैर भाग दौड़ किए एक ही छत के नीचे एक से दो घंटे में देख सकते हैं। 
संग्रहालय मे एक मंदिर है जहा लगी घंटी को छूते ही घंटे की आवाज और शिवलिंग पर पुष्प वर्षा स्क्रीन पर दिखतीहै। अगले पल में ही बनारसी पान और काशी की गलियों का आभास भी होता है। इसमें थ्रीडी वीडियो में गंगा के उद्गम, काशी में प्रवाह और मंदिरो का इतिहास जानने को मिलेगा। बारिश की हल्की फुहार, विश्व प्रसिद्ध नागनथैया लीला, भरत मिलाप, बनारसी साड़ी से लेकर काशी की मीनाकारी और काशी की पत्रकारिता के साथ ही काशी का साहित्य और यहां आने वाले हवेनसांग से लेकर रविन्द्र नाथ टैगोर तक की जानकारी हिंदी और अंग्रेजी मे उपलब्ध है। प्रोजेक्टर के माध्यम से काशी की प्राचीनतम बस्ती, भगवान बुद्ध का प्रथम उपदेश, सारनाथ में अशोक स्तंभ और स्तूप स्थापना, गोस्वामी तुलसी दास, रामनगर किला, भारत कला भवन आदि को दिखाया गया है। एक नजर में काशी को 3डी में बनाया गया है। इसमें घाट, मंदिर, मस्जिद, सारनाथ समेत शहर के प्रमुख स्थानों को दर्शाया गया है। वहीं गंगा अवतरण गैलरी में 15 से 20 पर्यटक बैठकर गंगा के धरती पर अवतरण की पूरी कथा का अहसास कर सकते हैं। 
ऐसा लगता है जैसे काशी की गलियों में धूम रहे हैं। संग्रहालय में बनारस की गली का सजीव अहसास होगा। ऐसा लगेगा की आप खुद उसमें घूम रहे हैं। आडियो से गलियों में होने वाले शोर, मंदिर की घंटी, वाहनों की आवाज आदि सुनाई देगा। गली में ही पान की दुकान भी लगी है। इसके अलावा मेड इन बनारस, वाराणसी वस्त्राणसी, नाद नगरी, काशी शिल्प, काशी के बसैया, काशी नामा, गंगाजली, मुक्तिधाम, रस-रस बनारस, हथकरथा, पर्व त्योहार आदि भी आप से बंधे रखेगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, सूचना राज्य मंत्री डॉ नीलकण्ठ तिवारी सहित अन्य लोग मौजूद रहेंगे।