न्यायमूर्ति पटनायक ने प्रधान न्यायाधीश गोगोई के खिलाफ ‘‘बड़ी साजिश’’ की जांच पूरी की


नयी दिल्ली, 21 अगस्त (एएनएस) प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को फंसाने के लिए ''बड़ी साजिश'' रचे जाने के आरोपों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एक सदस्यीय समिति ने अपना काम पूरा कर लिया है और मध्य सितंबर तक रिपोर्ट सौंपे जाने की उम्मीद है। 
सूत्रों ने  बताया कि उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए के पटनायक ने वकील उत्सव सिंह बैंस से पूछताछ की। शीर्ष अदालत ने पटनायक को नियुक्त किया था। 
बैंस ने उच्चतम न्यायालय में पीठ 'फिक्स' किए जाने सहित कई आरोप लगाए थे । 
एक सूत्र ने बताया, ''समिति ने बैंस और अन्य द्वारा दाखिल दस्तावेजों की जांच की। अब समिति रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी और सितंबर के दूसरे सप्ताह में सीलबंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय को सौंपेगी।'' 
न्यायमूर्ति पटनायक ने दिन में 11 बजे से दोपहर एक बजे तक वकील से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया । 
सूत्रों ने बताया, ''समिति ने करीब दो घंटे तक वकील (बैंस) से पूछताछ की। वह न्यायमूर्ति पटनायक के कार्यालय आए थे ।'' 
शीर्ष अदालत ने बैंस के आरोपों की जांच के लिए 25 अप्रैल को समिति गठित की थी और सीबीआई तथा खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशकों के साथ ही दिल्ली पुलिस आयुक्त को जरूरत पड़ने पर न्यायमूर्ति पटनायक का सहयोग करने को कहा था। 
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की विशेष पीठ ने कहा था कि जांच पूरी होने पर न्यायमूर्ति पटनायक अदालत के सामने सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट दाखिल करेंगे जिसके बाद फिर से मामले पर सुनवाई होगी। 
हालांकि, पीठ ने कहा था कि इस जांच में शीर्ष अदालत की पूर्व कर्मचारी द्वारा प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को शामिल नहीं किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय की आंतरिक समिति ने छह मई को गोगोई को क्लीनचिट देते हुए कहा था कि उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों में कोई दम नहीं पाया।
आंतरिक कमेटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एस ए बोबडे थे और इसमें शीर्ष न्यायालय में दो महिला न्यायाधीश- न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी भी थीं।